अब तालाबों को साफ करेगी यह Solar लेक क्लीनर मशीन, उदयपुर के छात्रों ने किया तैयार

उदयपुर: तालाबों की सतह पर कचरा एकत्रित होना आजकल एक आम समस्या बन गई है, जिससे न केवल जल की गुणवत्ता प्रभावित होती है बल्कि जीव-जंतुओं के जीवन पर भी खतरा मंडराता है। ऐसे में उदयपुर शहर के महाराणा प्रताप एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने एक अनोखा और पर्यावरण-संवेदनशील समाधान ढूंढ निकाला है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

इस समाधान का नाम है ‘सोलर पावर लेके क्लीनर’, जिसे छात्रों ने जलाशयों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से विकसित किया है। इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि इसे ऑपरेट करने के लिए किसी व्यक्ति की

आवश्यकता नहीं है। इसे रिमोट कंट्रोल के माध्यम से संचालित किया जा सकता है, जिससे सफाई प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप और जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

solar lake cleaner machine
solar lake cleaner machine

निशा राठौर उदयपुर के बारे में जाने 

विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट के हेड, डॉक्टर नवनीत अग्रवाल ने जानकारी दी कि इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर के छात्र हर्ष ओझा, शुभम पडिहार, दीपक कुमावत, और अक्षिता मूंदड़ा ने इस प्रोजेक्ट को मिलकर तैयार किया है।

इस सोलर पावर लेके क्लीनर की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होता है। इससे पेट्रोल या डीजल के इस्तेमाल की आवश्यकता नहीं होती, जिससे जलाशयों में रासायनिक प्रदूषण की संभावना भी समाप्त हो जाती है। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि इससे संचालन में होने वाला खर्च भी काफी कम हो जाता है।

देखिए करीबन तीन से चार घंटे की कैपेसिटी

उदयपुर: शहर के तालाबों और झीलों की सतह पर जमा कचरे को साफ करने के लिए उदयपुर के महाराणा प्रताप एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने एक अनोखा सोलर पावर लेक क्लीनर विकसित किया है।

यह इनोवेटिव प्रोजेक्ट न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि इसे रिमोट कंट्रोल के जरिए भी संचालित किया जा सकता है, जिससे सफाई प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ती। लेक क्लीनर डिजाइन करने वाले हर्ष ओझा ने बताया कि इसे खासतौर पर झीलों और तालाबों की सफाई को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

यह उपकरण तालाबों की सतह पर तैरते कचरे को अपने अंदर बने बॉक्स में एकत्रित करता है। इसके सोलर पावर सिस्टम की पावर कैपेसिटी करीब 3 से 4 घंटे की है, जिससे यह लंबे समय तक निरंतर सफाई करने में सक्षम है।

सोलर पावर के इस्तेमाल से न केवल यह उपकरण पर्यावरण के अनुकूल बनता है, बल्कि इसे पेट्रोल या डीजल की जरूरत भी नहीं होती। इस वजह से जलाशयों में रासायनिक प्रदूषण की संभावना समाप्त हो जाती है और संचालन का खर्च भी कम हो जाता है।

यह भी पढ़ें:

Prashant Raghav is Finance content creator and covering latest share news, Solar News and green energy news from last 2 year. Prashant's strong writing skills and Financial knowledge make his content informative and engaging for readers. Contact: [email protected]

Leave a Comment