भारत सरकार सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी देती है, लेकिन सोलर पैनल लगाने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपके घर की मासिक बिजली खपत कितनी है और इस खपत के अनुसार कितने किलोवाट (Kw) का सोलर पैनल आपको लगवाना चाहिए।
बिजली बिल के आधार पर सोलर पैनल की क्षमता का सही कैलकुलेशन करने के लिए आपको अपने इलाके के मौसम और धूप की उपलब्धता का भी ध्यान रखना होगा। विभिन्न क्षेत्रों में धूप की मात्रा अलग-अलग होती है, जिससे सोलर पैनल की उत्पादकता पर असर पड़ता है।
उदाहरण के लिए, यदि आपका मासिक बिजली बिल 500 यूनिट है, तो आपको लगभग 4-5 किलोवाट का सोलर पैनल सिस्टम चाहिए होगा। एक सामान्य गाइडलाइन के अनुसार, 1 किलोवाट का सोलर पैनल सिस्टम एक दिन में औसतन 4-5 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है। इस हिसाब से आप अपने बिजली बिल और स्थानीय धूप के अनुसार सोलर पैनल की क्षमता का अनुमान लगा सकते हैं।
सोलर पैनल लगाएं और बिजली बिल से पाएं छुटकारा
बिजली बिल कम करने के लिए सोलर पैनल एक बेहतरीन उपाय है। अगर आपके राज्य में प्रति यूनिट बिजली की कीमत ₹8 है और आपके घर का मासिक बिजली बिल 800 से ₹900 तक आता है, तो इसका मतलब है कि आपके घर में हर महीने लगभग 100 से 110 यूनिट बिजली की खपत हो रही है।
इसका मतलब है कि आपको प्रतिदिन 3 से 4 यूनिट बिजली की जरूरत होती है। ऐसे में, अगर आप 1 किलोवाट का सोलर पैनल लगाते हैं, तो यह प्रतिदिन 3 से 4 यूनिट बिजली उत्पन्न कर सकता है।
1 किलोवाट का सोलर पैनल आपके घर की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा, जिससे आपका मासिक बिजली बिल लगभग शून्य हो सकता है। सोलर पैनल लगाने से न सिर्फ आपके बिजली बिल में कमी आएगी, बल्कि आप सरकारी सब्सिडी का लाभ भी उठा सकते हैं।
ज्यादा बिजली बिल आ रहा है? जानिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल लगाएं
यदि आपके घर में एसी, वाशिंग मशीन जैसे ज्यादा बिजली खपत वाले उपकरण हैं, तो आपका मासिक बिजली बिल ₹1500 से ₹2000 तक हो सकता है। यदि प्रति यूनिट बिजली की कीमत ₹8 है, तो आप हर महीने लगभग 250 यूनिट बिजली की खपत करते हैं।
इस हिसाब से, आपको प्रतिदिन 7 से 8 यूनिट बिजली की जरूरत होती है। ऐसे में, 2 किलोवाट से 2.2 किलोवाट का रूफटॉप सोलर पैनल सिस्टम लगाना आपके लिए सही रहेगा। यह सोलर पैनल सिस्टम प्रतिदिन 7 से 8 यूनिट बिजली उत्पन्न कर सकता है, जिससे आपके मासिक बिजली बिल को शून्य किया जा सकता है। सोलर पैनल लगाने से न केवल आप बिजली बिल में बचत करेंगे, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल उपाय अपनाकर सरकारी सब्सिडी का भी लाभ उठा सकते हैं।
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