नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में निवेश करने पर आपको टैक्स छूट का लाभ मिलता है, जो कि आपके वित्तीय योजना को मजबूत करने में मदद करता है। इनकम टैक्स की धारा 80CCD के तहत एनपीएस में निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। इसमें तीन महत्वपूर्ण उप-धाराएं हैं: 80CCD(1), 80CCD(1B), और 80CCD(2)।
80CCD(1) के तहत, आप 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, 80CCD(1B) के तहत आपको 50 हजार रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स छूट मिलती है। यानी कुल मिलाकर आप 2 लाख रुपये की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। 80CCD(2) के तहत, आपके नियोक्ता द्वारा आपके एनपीएस खाते में किए गए योगदान पर भी आपको अतिरिक्त टैक्स छूट मिलती है।
एंप्लॉयर के जरिए एनपीएस में निवेश से पाएं टैक्स में बड़ी छूट
एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) में एंप्लॉयर के जरिए निवेश करने से आपको टैक्स छूट का बड़ा लाभ मिल सकता है। अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10% तक आप एनपीएस में निवेश करवा सकते हैं और इस पर आपको टैक्स में छूट मिलेगी।
अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो यह छूट 14% तक हो सकती है। ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को एनपीएस की सुविधा प्रदान करती हैं। आप अपनी कंपनी के HR विभाग के माध्यम से एनपीएस में निवेश शुरू कर सकते हैं। इसका एक बड़ा फायदा यह है कि आपको अतिरिक्त टैक्स छूट मिलेगी, जिससे आपके पैसे बचेंगे और आप अपनी जवानी में ही अच्छी बचत कर पाएंगे।
जवानी में एनपीएस में निवेश करें, बुढ़ापे में बेफिक्र रहें
जब किसी शख्स की नौकरी लगती है, तो शुरुआती दिनों में हर कोई पैसे खर्च करने में मस्त रहता है। लेकिन कुछ सालों बाद यह समझ आता है कि बुढ़ापे में आरामदायक जिंदगी जीने के लिए जवानी में ही निवेश करना जरूरी है।
निवेश के लिए कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें जमा पैसा आप केवल रिटायरमेंट के बाद ही निकाल सकते हैं। एनपीएस का लॉक-इन पीरियड 60 साल की उम्र तक है, जो इसे अन्य निवेश स्कीमों से अलग बनाता है।
बाकी स्कीमों में लॉक-इन पीरियड 5 या 15 साल का होता है, जिससे अक्सर लोग पैसे निकालकर गाड़ी, घर खरीदने या मेडिकल इमरजेंसी में खर्च कर देते हैं। इससे बुढ़ापे के लिए सुरक्षित राशि कम हो जाती है।